प्यार पुराना हो चुका है।
मेरे जीवन में
तेरे आने से पहले
प्यार पुराना हो चुका।
आँखों में प्यारी
देखना नहीं है
होंठों पे सुन्दर
मृदु वाणी नहीं है
कठिन शरीर पर प्रेम करने का
मन भी नहीं है
हाथी की तरह चलने पर
रिश्ता नहीं बन जाए
तेरे देखने से उठने का
मनमोहन विचार नहीं है
जब तुम नहीं तो मेरे पास
तब किसी अकेलापन भी नहीं है
तुम से प्यार करने में
आशा भी नहीं है
केवल एक पत्नी की
विचार ही है ।।
- दुल्कान्ति समरसिंह -
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