आँसू।
आँखें न देखते हैं आँसू
आँखों से गिरते हैं आँसू
रातों भर आँखों में रहते
दो आँखों भीगते हैं आँसू ।
अतीत से आती हैं आँसू
अतीत को जाती हैं आँसू
जब इच्छायें टूट गए तो
तब गुप्त रूप में हैं आँसू ।।
जन्म से शुरू हुई आँसू
देखा या न देखा हैं आँसू
जाति भेद न जानते हैं
अनंत गर्मी आँसू ।।
स्वनों की तरह हैं आँसू
कितनी हैं नहीं हैं आँसू
मुस्कुराहटों के पीछे हैं,
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