ताला लगाया प्यार को

अकेलापन के साये में 
नंगे तन को छुपा लेते 
अंधकार पर्दे लगा कर 
मन के आसपास ,
प्रसूति गृह में तुम नाचो 
पर मुखावरण हटाओ मत  ।

दिल का मंच में चंचल होगा 
उसकी खूबसूरत यादें 
मैंने तुझे ताला लगा दिया 
प्यार! तुम जन्म से अंधे हो ।।

आँखों बंद होने तक नाचो 
मेरा दिल सो जाने तक नाचो 
रात से सुबह होने तक नाचो 
फिर उसे देखने तक नाचो  ।।।

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